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Haryanavi Jokes 2016 in hindi

Haryanavi Jokes



ek be ek teli JAAT te bolya
"JAAT re JAAT tere sir pe khaat."
JAAT teli te bolya
"teli re teli tere sir pe kohlu."
teli bolya bhai JAAT ke yo kuch jachya konya
JAAT bolya jachya konya par bojh te maare ga.........!!!!!!

हरियाणवी कहावते
1. फूहड़ चालै सारा घऱ हालै


2. पैसा नहीं पास मेला लागे उदास...

3. फूफा कहे त कोए फुकनी ना दे'अर काका कहे ते कोई
काकडी ना दे...

4. बकरी दूध तै दे.. पर मींगण कर-कै

5. बटेऊ खांड-मांडे खा, कुतिया की जीभ जळै

6. बढिया मिल गया तो म्हारी के भाग ना तो मरियो नाई बाह्मन
(पुराने टेम मे नाई और ब्राह्मन ही रिश्ते करवते थे)
7. बहुआं हाथ चोर मरावै, चोर बहू का भाई

8. बोहड़िया का भाई, गाम का साळा

9. बहू आई रीमो-झीमो, बहू आई स्याणी भोत - आवतीं-हें
न्यारी हो-गी, पाथणे ना आवैं चौथ !

10. ब्याह में गाये गीत सारे साची ना होते

11. बाप नै ना मारी मींडकी, बेटा तीरंदाज
12. बावला या तो गाम जावे ना, जावे तो फेर आवे ना
13. बावळी गादड़ी के पकड़े कान - ना छोडे जां, ना पकड़े राखे जां
14. बारह बरस में तो कुरड़ी के भी भाग बाहवड़ आया करैं
15. बिटोड़े में तै गोस्से ए लिकड़ैंगे
16. बिन फेरयां का खसम...
17. बुलध ना ब्यावै तै के बूढ़ा-ए ना हो ?
18. भांग मांगै भूगड़ा, सुल्फा मांगै घी - दारू मांगै खोंसड़ा (जूता),
थारी खुशी पड़ै तै पी
19. भीड़ मै डळा फद्दू कै-ए लाग्या करै
20. “भुस में आग ला कै दमालो दूर खड़ी”
21. भूखे की बाहवड़ जाया करै पर झूठे की ना बाहवड़्या करती
22. बूआ जाऊं-जाऊं करै थी, फूफा लेण आ-ग्या !
23. भोळा बूझै भोळी नै – के रांधैगी होळी नै - मोठ बाजरा सब
दिन रन्धैं सक्कर चावळ होळी नै
24. भैंस आपणे रंग नै ना देखै, छतरी नै देख कै बिदकै
25. भादवे का घाम अर साझे का काम देहि तोडा करे
26. भीत में आला अर, घर में साला ठीक ना होते
27. मर-गी रांड खटाई बिना !
28. मारते माणस का हाथ पकड़ ले...बोलते की जुबान ना पकडी जा
Haryanvi chhora: a chhori number degi k?
Delhi aali Chhori: Tamiz se nahi maang sakte kya?
Haryanvi chhora: With due respect I would like to say that number degi k?...
तू कर कै ब्लोक जाट नै यारी किसी ओर
गेला लाली ।
जाट भी किसे तै कम कोन्या मैन्नै
तेरी छोटी बेबे फँसाली ।।
एक बै रात नै एक बजे रामफल शराब के नशे में धुत्त, आपणे घर जावै था, राह में पुलिस नै पकड़ लिया । पुलिस होलदार बूझण लाग्या - आं रै, इतणी रात नै कित जा था ?
रामफल बोल्या - जी, शराब के दुष्परिणाम पै लैक्चर सुणन जाऊं सूं ।
होल्दार - इतणी रात नै कूण लैक्चर देगा ?
रामफल - मेरी घर आळी रामभतेरी !!
एक बर की बात है अक सुरजा अपणी बहू नैं लेण ससुराल जा रह्या था। चाल्लण के टैम पर सास्सू उसतैं जवाहरी के नाम के 50 रुपिये देण लाग्गी तो सुरजा नाट ग्या| सास्सू बोल्ली- ले ले बेटा, घणे कोनीं । सुरजा फेर नाट ग्या।
धोरै खड़ी उसकी साली बोल्ली- ले ले नैं जीजा, घणे कित हैं, फेर तीन दर्जन तो केले ही ल्याया था।
साली की या सलाह सुणते ही सुरजा आग बबूला होते होए बोल्या- मैं आड़ै केले बेच्चण कोनी आया था, मैं तै बहू लेण आया था।
नत्थू के परिवार की घग्गु के परिवार गेल लड़ाई हो रह्यी थी ज्यांते उनकी बोलचाल जमा ख़तम हो रही थी |
एक बार घुग्गू का दादा मरग्या | जब घुग्गू के दादा ती श्मशान में ले जावे थे तो रास्ते में नत्थू का घर पड़े था |
नत्थू लट्ठ लेके घर तै बहार आग्या अर घुग्गू ती बोल्या "थाहरे ती न्यू कह्या थे की थाह्म म्हारे घर के आग्ये को न आ ज्य़ाइयो | आज थारी हिम्मत किस तरियां होगी ?"
घुग्गू बोल्या "हिम्मत दिखाने की जिद्द म्ह ए तो हाम्म आज अपणे दादा की नाड़ मोस कै ल्याए सां | म्हारे इस तरियां चाहे कितने आदमी लाग ज्य़ाइयो पर हाम्म थाहमने अपणी हिम्मत दिखाकै ए मान्नंगे
रामलू अपणी घरआली धापली से घणा डरया करे था | एक दिन रामलू सीढ़ी पै चढ़के अपणे घरां बल्ब लगावे था तो एक दम सीढ़ी पड्ग्यी अर रमलू भी परे जाकै पड्या | धापली कै नुकसान का ब्होत डर रह्या करै था | जद उसती घडाम कि आवाज आयी तो वा रामलू ती बोल्यी - "के गेड दिया?" रामलू डरदा-डरदा बोल्या - "किमे नी भागवान, मेरा पजामा पड़ग्या था |" धापली बोल्यी - "पजामा पड्या करे सै तो इतनी आवाज आया करै सै कै" | रामलू बोल्या - "भागवान पजामे म्ह मैं भी था |
एक बै एक गाम मैं शेर का आतंक था.
शेर डांगराँ नै बुड़क्याँ-बुड़क्य­
ाँ खा ज्यांता.
सारे गाम आले दुखी. कुदरती गाम
मैं एक फौजी छुट्टी आ ग्या, गैल
बन्दूख ले रया अर मूछ्याँ कै
बढीया मरोड़ी दे र्या. गाम
आल्याँ नै सोची एक यो ए माणस है
जो शेर गैल घुलाई कर सकै है.
गाम आल्याँ नै फोजी तै
विडंबना बताई तो फौजी तै
बी ना नाट्या गया अर बोल्या "ठीक
सै..एक इसे माणस नै ज़ेलवा ले कै
मेरी गैल कर द्यो जिसनै गुहांड के
सारे बणी- टीब्ब्याँ का बेरा हो.
हम रात नै ल्यकड़ाँन्गे शिकार पै.
अगले दिन गाम का पटवारी हाथ मैं
जेली ले कै फौजी की गैल हो लिया.
उन्नहैँ बणी मैं जा कै एक
पेड्डी कै बकरी बाँध दी. अर आप एक
टीब्बे पै चढ़ कै शेर की बाट देखण
लाग गे. सारी रात चली गई शेर
ना आया...
तड़का होग्या.
तड़का होग्या तै दोनुआँ कै दाब लाग
गी. दोनु अपणी- अपणी दाब मेट कै
साहरै एक जोहड़ी मैं हाथ धोण लाग
गे.
हाथ धोन्ति हाँण
पटवारी बोल्या "फौजी साहब डरगे
के...??!
फौजी- ना रै बावले... हम फौजी हो कै
एक जनावर तै डराँगे ??
पटवारी-- "जै इसी बात है फेर मेरे
क्यूँ धोण लाग रे हो"

HARYANVI RAMAYAN-
Hanuman:Meri gella chal me ramji ne
bhejya su.
Sita:Me praye mard gella na jaya krti.
Hanuman:Jiss gella aayi thi vo k tera
phoofa lage

एक औरत coma में चली गई . . .
पति मुर्दा समझ के जलाने चला
.
रास्ते में अर्थी खम्भे में टकरा गई
और
औरत को होश आ गया ...
और उसे वापस घर ले आये ..!!
1 साल बाद औरत सच में मर गई .
.
सब लोग राम -नाम सत्य
बोलते जा रहे थे ...
लेकिन...!!!
पति की जुबान पर एक ही बात थी ...
.
.
खम्भा बचा के .
खम्भा बचा के
उसने कहा मैं जा रही हूँ... दूर...
तुमसे दूर.!
मैंने 10 का नोट पकड़ाते हुए कहा-
" ले रस्ते में कुछ खा लिए "
एक नई बोढ़ीया अगड़-पड़ोस की तीन चार लुगाइयाँ गैल पहली बार कूए पै पाणी नै आई.
नई बहु देख एक पाली जारी के मूढ़ मैं उनके धोरै आ कै अँगड़ाई तोड़ता अरड़ाया
"आज तै देहि टूट ली".
एक बोल्ली- "क्यूँ...??!, लोग धोरै सोया था के~~
एक दिन जब वा मेरे ते मिली तो बोली :
मंने याद करया करे के ..?
इब उसने कुन बतावे की बावली याद करना इतना आसान होता तो मैं अपनी क्लास मैं टॉप नै कर लेता ..

गाम्मां की छोरियां का नया नया यूनिवर्सिटी में ऐडमिसन होए पाछे ये एक सेमेस्टर तो रह्या करें ठीक ....क्योंके एक सेमेस्टर तै इनके बात ए समझ मै ना आया करै अक यो हो के रह्या है..

फेर इनके कुल्मुली उठनी शुरू होज्या हैं . दो तीन कमला बिमला कट्ठी हो कै acording the plan जावेंगी बाजार मैं . Auto मैं तै उतर्तियें सबते पहल्या इन्है दिखैगा गोल्गाप्प्यां आला. फेर इनमे जो सबते modren होगी वा उस धोरे जा गी अर english accent में कह्वेगी ' भैया भैया ...फांच rupees के घोल घप्पे देना...और plzz वो पानी को थोड़ा "गिचौल " लेना . और फेर लक्ष्य की तरफ कूच करेंगी .
तडके तै सांझ ताई सारे बजार में काटकड़ तार के आखिर में 300रूपए आली जीन्स और 150 का सुरड़ा हा टॉप ले कै लिक्ड़ेंगी. और फेर चालती हाण उनमे ते एक कह्वेगी 'सिट्ट यार आज का तो पूरा दिन "घुल " गया'. दूसरी कह गी 'मेरे तो गोडों में भी pain शुरू हो गया...उनकी सुन के तीसरी की भी जीभ उठेगी " हाँ यार मेरी भी "पिंडी'ss भड़क " रही हैं .

और फेर नए समस्टर के पहले दिन जीन्स पहर कै क्लास में जावेंगी ... और भरी क्लास में जब lacture चाल रया होगा एक दम किलकी मारे गी " ohh माई godd !! मेरी pent पे "भूण्ड" !! दूसरी कह गी ... " तुझे लड़ा तो नहीं " फेर तीसरी मुंह चिकड़ा के कह गी " ये 'भूण्ड'ss तो है ना... इस दुनिया में होने ही नहीं चाहिए .. इनको sense ही नहीं है...................
jaatan k balak exam ma
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u parshan bhi ho gya
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u bhi ho gya

u bhi ho gya.
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at the time of result
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oh teri bhan k u k ho gya


मास्टरनी :- एक दिन के होया क … अकबर बादशाह खाट पे सुतया था ………….
रमलू :- मैडम यो बदलू मने लुची लुची बात बतावे है
मास्टरनी :- एक मारूंगी कान क निचे खीच के .. चुप चाप बेठे रहो ,, … र बालकों मैं कित थी ???
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रमलू :- जी अकबर की खाट पे


एक काळा-भसंड गाड्डे लुहार (भूभळिया)
अर उसकी लुहारी बस में सफर करैं थे । बस में
भीड़ थी, वे दोनूं न्यारे-न्यारे बैठ-गे। रास्ते
में कई टिकट-चैकर बस में चढ़-गे। एक चैकर
ताहीं लुहारी नै दोनूं टिकट दिखा दी ।
टिकट चैकर बोल्या - दूसरी सवारी कुण-
सी सै, उसकी शकल दिखा ।
लुहारी रूका मार-कै बोली - ओ लुहार, एक
बै खड़ा होइये, तन्नै देखण आळे आ रहे
सैं !!


3 Haryanvi Mollad
गोधू , फत्तू अर घुसु ।

गोधू - म्हारे गाम माह इतनी ठंड पड़े सै अक दो दो रज़ाई ओढनी पड़े सै ।

फत्तू - म्हारे गाम माह इतनी ठंड पड़े सै अक चार चार रज़ाई ओढनी पड़े सै ।

घुसु - भाई म्हारे गाम माह इतनी ठंड पड़े सै अक भैंस दूध की जगह कुल्फी दे दे सै !


एक हवाई जहाज में चार पांच पैग पीने के बाद.....
ब्रिटिश - अब मैं सोने जा रहा हूँ
अमेरिकन - मैं अपना ऑफिस का काम निबटाने जा रहा हूँ
जर्मन - मैं अभी फिल्म देखूंगा
चीनी - मैं तो अब संगीत सुनना चाहता हूँ
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हर आपणा जाट - इब तो थारा भाई जहाज उड़ावैगा ...


बेरा सै जिंदगी मह सबतै घणा छौ (झुंझल) कद आवै सै...
जब आदमी चौगर दयूँ तै परेसान हो रया हो..
हर कोए आकै उसनै कहदे
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हक जिंदगी के असली मज़े तो तू लेवण लाग रया सै ।

माँ की सु, इतणी झुंझल आवै सै हक साले कै माह कर कांकर काढ़ दयुँ


पेपर मह फ़ैल होया पाछै
पिताजी- छोरे इतणे घाट लंबर क्युकर आये , साले नै आड़ा गेर कै काटुँगा....
छोरा- आ बाबू, तन्नै क्युकर बेरा पाट्या हक मास्टर मेरे मामा के गाम का सै


एक बार कालू दुकान प जा क बोल्या : ताऊ अठन्नी की चीनी दे दे।
दुकानदार ने उसकी हथेली प माडी सी चीनी धर दी
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कालू चीनी का फाका मार क न्यू बोला : हाँ ताऊ , मीठी स, तोल दे इब !!!

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