Shayari
Taash Ke Patoon Ki Manind Hai Zindagi Meri;
Jis Kisi Ne Bhi Khela, Taqseem Mar Diya Mujhe!
Mat Khao Kasame Sari Zindagi Sath Nibhane Ki;
Hum Ne Sanson Ko Bhi Juda Hote Dekha Hai!
Hichkiyon Par Ho Raha Hai Zindagi Ka Raag Ḳhatam;
Jhatke De Kar Taar Tode Ja Rahe Hain Saaz Ke!
Ghazal Uss Ne Chhedi Mujhe Saaz Dena;
Zara Umar-e-Rafta Ko Awaaz Dena!
Khamoshyian Kar Deti Byan To Alag Baat Hai;
Kuchh Dard Hai Jo Lafzo Main Utaare Nahi Jate!
Mil Sake Aasani Se Uski Khawaish Kise Hai;
Zid To Uski Hai Jo Mukadar Me Likha Hi Nahi Hai!
Har Baar Hawao Ko Ilzaam Dena Thik Nahi Yaaro;
Kabhi Sochna Kahi Chiraag Kud Na Thak Gaya Ho Jalte Jalte!
Mohabbat Ki Misal Main, Bus Itna Hi Kahunga;
Bemisaal Saza Hai, Kisi Be-Gunahon Ke Liye!
Jab Kisi Ke Sapne Kisi Ke Armaan Ban Jaye;
Jab Kisi Ki Hassi Kisi Ki Muskaan Ban Jaye;
Pyaar Kehte Hai Usse;
Jab Kisi Ki Saanse Kisi Ki Jaan Ban Jaye!
Fikr-e-Maash Ishq-e-Butan Yaad-e-Raftagan;
Is Zindagi Mein Ab Koi Kya Kya Kiya Kare!
एक सिगरेट सी मिली तू मुझे..
ए आशिकी कश एक पल का लगाया था लत उम्र भर की लग गयी|
जी करता है चला जाऊं, हसीनों की महफिल में..
पर क्या करूं ये मेरे दोस्तो, उतना दम ही नहीं है दिल में ||
एक तु मिल जाती तो किसी का कया चला जाता..
तुझे उमर भर के लिए खुशीयाँ ही खुशीयाँ और मुझको मेरा खुदा मिल जाता|
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया मेँ अपने,
फिर हुआ इश्क और हम लावारिस हो गए..!
मुझ पर सितम करो तो तरस मत खाना..
क्योकि खता मेरी हैं मोहब्बत मैंने किया हैं|
वो तो अपनी एक आदत को भी ना बदल सका..
जाने क्यूँ मैंने उसके लिए अपनी जिंदगी बदल डाली
बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना..
कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना।
दो लव्ज क्या लिखे तेरी याद मे..
लोग कहने लगे तु आशिक बहुत पुराना है|
सौदा कुछ ऐसा किया है तेरे ख़्वाबों ने मेरी नींदों से..
या तो दोनों आते हैं, या कोई नहीं आता..
कमाल का जिगर रखते है कुछ लोग,
दर्द पढ़ते है और आह तक नहीं करते|
तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे,
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।
दिन हुआ है तो रात भी होगी,
हो मत उदास, कभी बात भी होगी,
इतने प्यार से दोस्ती की है,
जिन्दगी रही तो मुलाकात भी होगी..
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा,
राते कटती है लेकर नाम तेरा,
मुद्दत से बैठा हूँ पाल के ये आस,
कभी तो आएगा कोई पैग़ाम तेरा !!
हम दिलफेक आशिक़ है, हर काम में कमाल कर दे,
जो वादा करे वो पूरा हर हाल में कर दे,
क्या जरुरत है जानू को लिपस्टिक लगाने की,
हम चूम-चूम के ही होंठ उसके लाल कर दे !!
रात का चाँद आसमान में निकल आया है.
साथ में तारों की बारात लय है.
ज़रा आसमान की ओर देखो वो आपको..
मेरी और से गुड नाईट कहने आया है.
सितारों से भरी इस रात में,
जन्नत से भी खूबसूरत ख्वाब आपको आये,
इतनी हसीन हो आने वाली सुबह की,
मांगने से पहले ही आपकी हर मुराद पूरी हो जाये.
Good Night.
'
आपसे दूर रेहके भी आपको याद किया हमने,
रिश्तों का हर फ़र्ज़ अदा किया हमने,
मत सोचना की आपको भुला दिया हमने,
आज फिर सोने से पहले आपको याद किया हमने.
Good Night
अपनी जिंदगी के अलग असूल हैं,
यार की खातिर तो कांटे भी कबूल हैं,
हंस कर चल दूं कांच के टुकड़ों पर भी,
अगर यार कहे, यह मेरे बिछाए हुए फूल हैं.
वो नहीं आती पर निशानी भेज देती है
ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है
कितने मीठे हे उसकी यादो के मंज़र।
कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है!!
अपना होगा तो सता के मरहम देगा,
जालिम होगा अपना बना के जख्म देगा,
समय से पहले पकती नहीं फसल,
अरे बहुत बरबादियां अभी मौसम देगा|
Dard ka ehsas janna hai to pyar kar ke dekho,
Apni aankho me kisi ko utar kar dekho,
Chot unko lagegi aansu tumhe aa jayenge,
Ye ehsas janna ho to Dil haar kar dekho.
गुनगुनाना तो तकदीर में लिखा कर लाए थे;
खिलखिलाना दोस्तों से तोहफ़े में मिल गया।
लिख दूं किताबें तेरी मासूमियत पर, फिर डर लगता है;
कहीं हर कोई तुझे पाने का तलबगार ना हो जाये!
सुनो एक बार और मोहब्बत करनी है तुमसे;
लेकिन इस बार बेवफाई हम करेंगे!
किसी को इतना भी ना चाहो कि, भुलाना मुश्किल हो जाए;
क्योंकि जिंदगी, इन्सान, और मोहब्बत तीनो बेवफा है!
तुम नाराज हो जाओ, रूठो या खफा हो जाओ;
पर बात इतनी भी ना बिगाड़ो की जुदा हो जाओ!
वक्त इशारा देता रहा हम इत्तेफाक़ समझते रहे;
बस यु ही धोखे खाते रहे ओर इस्तेमाल होते रहे!
उम्र निसार दूं तेरी उस एक नज़र पे;
जो तू मुझे देखे और मैं तेरा हो जाउं!
रिश्तों से बड़ी चाहत क्या होगी;
दोस्ती से बड़ी इबादत क्या होगी;
जिसे दोस्त मिल जाये आप जैसा;
उसे ज़िन्दगी से शिकायत क्या होगी!
डालना अपने हाथों से कफन मेरी लाश पर;
कि तेरे दिए जखमों के तोहफे कोई और ना देख ले!
सिर्फ एक बार आओ दिल में, देखने मुहब्बत अपनी;
फिर लौटने का इरादा हम तुम पर छोड़ देंगे!
Tumse Mulakat ho, Phir se koi baat ho..
Waqt ki kuch na chale, Na Din dhale, na raat ho..
Zikr gum ka chod kar, Teri-meri baat ho..
Zindagi ko maud dein, Ek nayi shuruaat ho..
Dil ki jab dhadkan thamey, Dil pe tera haath ho.
मोहब्बत की गवाही अपने
होने की ख़बर ले जा…
जिधर वो शख़्स रहता है
मुझे ऐ दिल! उधर ले जा…
कुछ खूबसूरत पल याद आते हैं,
पलकों पर आँसु छोड जाते हैं,
कल कोई और मिले हमें न भुलना
क्योंकि कुछ रिश्ते जिन्दगी भर याद आते हैं|
कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं,
उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ मैं,
उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है,
पर
अब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मैं|
दर्द से दोस्ती हो गई यारों,
जिंदगी बे दर्द हो गई यारों,
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो।
बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहें, मेरा क्या है..
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।
हर बात में आंसू बहाया नहीं करते,
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते,
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है..
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते।
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!
धरती के गम छुपाने के लिए गगन होता है,
दिल के गम छुपाने के लिए बदन होता है,
मर के भी छुपाने होंगे गम शायद,
इसलिए हर लाश पर कफ़न होता है।
Diye Hain Zindagi Ne Zaḳhm Aise;
Ki Jin Ka Waqt Bhi Marham Nahin Hai!
Duniya Ke Jo Maze Hain Hargiz Woh Kam Na Honge;
Charche Yoon Hi Rahenge Afsos Hum Na Honge!
Dil Bhar Aaya Kaghaz-e-Ḳhali Ki Surat Dekh Kar;
Jin Ko Likhna Tha Woh Sab Batein Zubani Ho Gayin!
Chala Jaunga Jaise Ḳhud Ko Tanha Chhoḍ Kar;
Main Apne Aap Ko Raton Mein Uth Kar Dekh Leta Hoon!
Bahut Pehle Se Un Kadmon Ki Aahat Jaan Lete Hain;
Tujhe Ai Zindagi Hum Door Se Pehchan Lete Hain!
Badi Talash Se Milti Hai Zindagi Ai Dost;
Qaza Ki Tarah Pata Puchti Nahi Aati!
Dil Ka Kya Hai Dil Ne Kitne Manzar Dekhe Lekin;
Ankhen Pagal Ho Jaati Hain Ek Ḳhayal Se Pehle!
Aaj Nagah Hum Kisi Se Mile;
Baad Muddat Ke Zindagī Se Mile!
मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए,
बस एक बार आ जा, अपनी यादें वापस ले जाने के लिए..!!तुझसे मैँ इजहार ऐ मोहब्बत इसलिए भी नही करता,
सुना है बरसने के बाद बादलो की अहमियत नही रहती|
कागज अपनी क़िस्मत से उड़ता है और पतंग अपनी काबिलियत से,
क़िस्मत साथ दे या न दे पर काबिलियत जरुर साथ देगी..!!
“जान” थी वो मेरी,
और जान तो एक दिनचली ही जाती है ना..!!
हर मर्ज़ का इलाज़ मिलता था उस बाज़ार में,
मोहब्बत का नाम लिया दवाख़ाने बन्द हो गये|
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है,
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..!!
वो जब पास मेरे होगी तो शायद कयामत होगी,
अभी तो उसकी तस्वीर ने ही तवाही मचा रखी है|
लोग कहते है हर दर्द की एक हद होती है,
कभी मिलना हमसे हम वो सीमा अक्सर पार करके जाते है|
पतझड आती है तो पते टूट जाते है,
नया साथ मिल जाए तो पुराने छूट ही जाते है|
फिर पलट रही हे सदिॅयो सी सुहानी रातें,
फिर तेरी याद मे जलने के जमाने आ गए|
Waqt ki kuch na chale, Na Din dhale, na raat ho..
Zikr gum ka chod kar, Teri-meri baat ho..
Zindagi ko maud dein, Ek nayi shuruaat ho..
Dil ki jab dhadkan thamey, Dil pe tera haath ho.
मोहब्बत की गवाही अपने
होने की ख़बर ले जा…
जिधर वो शख़्स रहता है
मुझे ऐ दिल! उधर ले जा…
कुछ खूबसूरत पल याद आते हैं,
पलकों पर आँसु छोड जाते हैं,
कल कोई और मिले हमें न भुलना
क्योंकि कुछ रिश्ते जिन्दगी भर याद आते हैं|
कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं,
उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ मैं,
उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है,
पर
अब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मैं|
दर्द से दोस्ती हो गई यारों,
जिंदगी बे दर्द हो गई यारों,
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो।
बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहें, मेरा क्या है..
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।
हर बात में आंसू बहाया नहीं करते,
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते,
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है..
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते।
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!
धरती के गम छुपाने के लिए गगन होता है,
दिल के गम छुपाने के लिए बदन होता है,
मर के भी छुपाने होंगे गम शायद,
इसलिए हर लाश पर कफ़न होता है।
Diye Hain Zindagi Ne Zaḳhm Aise;
Ki Jin Ka Waqt Bhi Marham Nahin Hai!
Duniya Ke Jo Maze Hain Hargiz Woh Kam Na Honge;
Charche Yoon Hi Rahenge Afsos Hum Na Honge!
Dil Bhar Aaya Kaghaz-e-Ḳhali Ki Surat Dekh Kar;
Jin Ko Likhna Tha Woh Sab Batein Zubani Ho Gayin!
Chala Jaunga Jaise Ḳhud Ko Tanha Chhoḍ Kar;
Main Apne Aap Ko Raton Mein Uth Kar Dekh Leta Hoon!
Bahut Pehle Se Un Kadmon Ki Aahat Jaan Lete Hain;
Tujhe Ai Zindagi Hum Door Se Pehchan Lete Hain!
Badi Talash Se Milti Hai Zindagi Ai Dost;
Qaza Ki Tarah Pata Puchti Nahi Aati!
Dil Ka Kya Hai Dil Ne Kitne Manzar Dekhe Lekin;
Ankhen Pagal Ho Jaati Hain Ek Ḳhayal Se Pehle!
Aaj Nagah Hum Kisi Se Mile;
Baad Muddat Ke Zindagī Se Mile!
मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए,
बस एक बार आ जा, अपनी यादें वापस ले जाने के लिए..!!तुझसे मैँ इजहार ऐ मोहब्बत इसलिए भी नही करता,
सुना है बरसने के बाद बादलो की अहमियत नही रहती|
कागज अपनी क़िस्मत से उड़ता है और पतंग अपनी काबिलियत से,
क़िस्मत साथ दे या न दे पर काबिलियत जरुर साथ देगी..!!
“जान” थी वो मेरी,
और जान तो एक दिनचली ही जाती है ना..!!
हर मर्ज़ का इलाज़ मिलता था उस बाज़ार में,
मोहब्बत का नाम लिया दवाख़ाने बन्द हो गये|
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है,
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..!!
वो जब पास मेरे होगी तो शायद कयामत होगी,
अभी तो उसकी तस्वीर ने ही तवाही मचा रखी है|
लोग कहते है हर दर्द की एक हद होती है,
कभी मिलना हमसे हम वो सीमा अक्सर पार करके जाते है|
पतझड आती है तो पते टूट जाते है,
नया साथ मिल जाए तो पुराने छूट ही जाते है|
फिर पलट रही हे सदिॅयो सी सुहानी रातें,
फिर तेरी याद मे जलने के जमाने आ गए|
Ai Hijr Waqt Tal Nahi Sakta Hai Maut Ka;
Lekin Ye Dekhna Hai Ki Mitti Kahan Ki Hai!
Zakhm Itne Bade Hain Izhaar Kya Karein;
Hum Khud Nishana Ban Gaye Vaar Kya Karein;
Mar Gaye Hum Lekin Khuli Reh Gai Ankhen;
Ab Isse Zyada Kisi Ka Intezaar Kya Karein!
जिन्दगी की राहों में मुस्कराते रहो हमेशा,
उदास दिलों को हमदर्द तो मिलते हैं, हमसफ़र नहीं !!ना प्यार कम हुआ है ना ही प्यार का अहेसास,
बस उसके बिना जिन्दगी काटने की आदत हो गई है !!
तेरी यादों ने मुझे क्या खूब मशरूफ किया है ऐ सनम..
खुद से मुलाकात के लिए भी वक़्त मुकर्रर करना पड़ता है।
तुम्हारी याद ऐसे महफूज़ है मेरे दिल मे,
जैसे किसी गरीब ने रकम रक्खी हो तिजोरी में.!!
इश्क़ है या कुछ और ये तो पता नहीं ,
पर जो तुमसे है वो किसी और से नही..!!
ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है
तो मेरा लहू लेले, यू कहानिया अधूरी न लिखा कर।
तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता ,
पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमी..!!
तुम्हारा साथ तसल्ली से चाहिए मुझे..
जन्मों की थकान लम्हों में कहाँ उतरती है !!
जैसे किसी गरीब ने रकम रक्खी हो तिजोरी में.!!
इश्क़ है या कुछ और ये तो पता नहीं ,
पर जो तुमसे है वो किसी और से नही..!!
ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है
तो मेरा लहू लेले, यू कहानिया अधूरी न लिखा कर।
तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता ,
पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमी..!!
तुम्हारा साथ तसल्ली से चाहिए मुझे..
जन्मों की थकान लम्हों में कहाँ उतरती है !!
यूँ तो शिकायते आप से सैंकड़ों हैं मगर..
आप एक मुस्कान ही काफी है मनाने के लिये।
मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा..
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे।
आप एक मुस्कान ही काफी है मनाने के लिये।
मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा..
किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे।
झूठी मोहब्बत, वफा के वादे, साथ निभाने की कसमें;
कितना कुछ करते हैं लोग, सिर्फ वक्त गुजारने के लिए!
सिर्फ एक बार आओ दिल में, देखने मोहब्बत अपनी;
फिर लौटने का इरादा हम तुम पर छोड़ देंगे!
सिर्फ इतना ही कहा है, प्यार है तुमसे;
जज्बातों की कोई नुमाईश नहीं की;
प्यार के बदले सिर्फ प्यार मांगती हूँ;
रिश्ते की तो कोई गुज़ारिश ही नहीं की!
हमारे बगैर भी आबाद थीं महफिलें उनकी;
और हम समझते थे कि उनकी रौनकें हम से है!
मोहब्बत का अश्कों से, कुछ तो रिश्ता जरूर है;
तमाम उम्र न रोने वाले की भी, इश्क़ में आँख भीग गई!
खुद पुकारेगी मंज़िल तो ठहर जाऊँगा;
वरना मुसाफिर खुद्दार हूँ, यूँ ही गुज़र जाऊँगा!
कौन चाहता है खुद को बदलना;
किसी को प्यार तो किसी को नफरत बदल देती है!
बहुत अंदर तक तबाही मचाता है वो आँसू;
जो पलकों से बाहर नहीं आ पाता।!
कैसे छोड़ दूँ आखिर, तुमसे मोहब्बत करना,
तुम किस्मत में ना सही, दिल में तो हो!
सिकवा शिकायत नही उनसे मगर;
अपना दिल कहता है बदल गये वोह!
मैं नींद का शोकीन ज्यादा तो नही..
लेकिन तेरे ख्वाब ना देखूँ तो.. गुजारा नही होता..!!
मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का..
बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ..!!
मुश्किल भी तुम हो, हल भी तुम हो ,
होती है जो सीने में , वो हलचल भी तुम हो ..!!
चेहरे के रंग को देखकर दोस्त ना बनाना.. दोस्तों ..
तन का काला तो चलेगा लेकिन मन का काला नहीं।
दामन को फैलाये बैठे हैं अलफ़ाज़-ए-दुआ कुछ याद नही
माँगू तो अब क्या माँगू जब तेरे सिवा कुछ याद नही
तुझे भूलने के लिए मुझे सिर्फ़ एक पल चाहिए,
वह पल! जिसे लोग अक्सर मौत कहते हैं…!!
अब लोग पूछते हैं हमसे.. तुम कुछ बदल गए हो
बताओ टूटे हुए पत्ते अब .. रंग भी न बदलें क्या..!!
छोटा है मुहब्बत लफ्ज, मगर तासीर इसकी प्यारी है.
इसे दिल से करोगे तुम, तो ये सारी दुनियाँ तुम्हारी है.
क्या क्या रंग दिखाती है जिंदगी क्या खूब इक्तेफ़ाक होता है,
प्यार में ऊम्र नहीँ होती पर हर ऊम्र में प्यार होता है..!!
तुम्हारी याद की शिद्दत में बहने वाला अश्क
ज़मीं में बो दिया जाए तो आँख उग आए..!!
तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है मेरे पास,
लगता है तुमने बेवफ़ाई नही सिखाई इनको..!!
हमे हारने का शोख नहीँ,
बस हम खेलते हे उस अंदाज से की लोग मैदान छोड देते हैं..!!
कुछ इस तरह खूबसूरत रिश्ते टूट जाया करते हैं,
जब दिल भर जाता है.. तो लोग अक्सर रूठ जाया करते हैं..!!
क्या ऎसा नहीं हो सकता के हम तुमसे तुमको माँगे,
और तुम मुस्कुरा के कहो के अपनी चीजें माँगा नहीं करते..!!
जो आज तेरे पास है वो हमेशा नहीं रहेगा,
कुछ दिन बाद तू आज जैसा नहीं रहेगा..!!
जब कागज़ पर लिखा मैंने माँ का नाम,
कलम अदब से बोल उठी हो गए चारों धाम..!!
सुनो, एकदम से जुदाई मुश्किल है,
मेरी मानों कुछ किश्तें तय कर लो..!!
ये जो तुम मेरा हालचाल पूछते हो,
बड़ा ही मुश्किल सवाल पूछते हो..!!
फिर तेरी याद, फिर तेरी तलव,
फिर तेरी बातें, ऐसे लगता है ऐ दिल तुझे मेरा सकून नही आता..!!
तोड़ दो ना वो कसम जो खाई है,
कभी कभी याद कर लेने में क्या बुराई है..!!
Naa karo takraar mujhe tumhara hi khiyal hai
Phir baat se baat nikley gi aur tum rooth jaaoge!
Main uske khyaal se niklu toh kese niklu
Woh meri soch ke har raste par aata hai!!
Bouht mushqil se seekha ha khush rehna..
Tumhare Bin, Ab suna ha ye bat bhi tumhy pareshan karti hai..
Sath chorne valo ko to ek bahana chaiye,
Varna nibhane vale to mout ke darwaze tak sath nahi chorte!
Ek bewafa ke naam kar di thi zindagi
Us bewafa ne ham se zindagi hi cheen li!!
Tere honae tak main kuch na tha..
Tera huaa to main barbaad huaa!
Koi zanjeer bhi nahi phir bhi qaid hoon tujh mein.
Nahi malum tha ke tjhe aisa hunar bhi aata hai.
बड़े शौक से बनाया तुमने मेरे दिल मे अपना घर
जब रहने की बारी आई तो तुमने ठिकाना बदल दिया।इश्क का धंधा ही बंद कर दिया साहेब।
मुनाफे में जेब जले.. और घाटे में दिल..!
शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में,
जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।
अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी..
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है!!
कुछ तो बात है तेरी फितरत में ऐ दोस्त,
वरना तुझ को याद करने की खता हम बार-बार न करते!
चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी,
लोगो को सिखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है।
ग़ैरों को भला समझे और मुझ को बुरा जाना..
समझे भी तो क्या समझे जाना भी तो क्या जाना।
किनारों से मुझे ऐ नाख़ुदा दूर ही रखना..
वहाँ ले कर चलो, तूफ़ान जहां से उठने वाला हैं।
जब किसी से कोई गिला रखना सामने अपने आईना रखना।
आंखों देखी कहने वाले, पहले भी कम-कम ही थे
अब तो सब ही सुनी-सुनाई बातों को दोहराते हैं।
Dilasa dete hein log, ke yun har waqt na roya karo…
Mein kaise bataon ke kuch dard sehne ke qabil nahi hote
Apni halat ka kuch ehsas nahin hai mujhko,
Maine auron se suna hai ki pareshan hun main.!!
Khatam hoti hui ek sham adhoori thi bahut..
Zindagi se ye mulaqat zaroori thi bahut!!
Kuchh ajab haal hai inn diino tabiyat ka shahab,
Khushi khushi naa lage aur gam bura na lage…
Use bewafa bhi kehna mere liye gunha ki baat hai,
Bewafa to usko kehte hai jo wafa kar ke chor jate hai…
Zindagi ki haqikat se do char ho,
Aksar dil apna hi hum jala lete hai…
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता.
दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो
ये ओर बात है कि किस्मत दग़ा कर गयी।
कौन कहता है मुसाफिर जख्मी नही होते
रास्ते गवाह हैं कम्बख्त गवाही नही देते।
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो ।
इक रात चाँदनी मिरे बिस्तर पे आई थी
मैं ने तराश कर तिरा चेहरा बना दिया ।
न तो देर है, न अंधेर है .. रे मानव!
तेरे कर्मों का सब फेर है .. शुभ रात्रि।
सुख भोर के टिमटिमाते हुए तारे की तरह है
देखते ही देखते ये ख़त्म हो जाता है …!
जब भी अंधेरा गहराता है…
उजाला उसका समाधान बनकर आ जाता है…!
एक ही समानता है…पतंग औऱ जिन्दगी में
ऊँचाई में हो तब तक ही ‘वाह – वाह’ होती है ।
Kuch door tak to jaise koi mere sath tha
Phir… apne sath aap hi chalna paDa mujhe!
Khwab ko khwab rehne do,
Isi bahane hum muskura lete hai…
Kitna bebas hain insaan kismat ke aage,
Har sapna tut jata hain hakikat ke aage…
मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर..
मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुम्हें याद करते करते..!!
आंखों देखी कहने वाले, पहले भी कम-कम ही थे
अब तो सब ही सुनी-सुनाई बातों को दोहराते हैं।
Dilasa dete hein log, ke yun har waqt na roya karo…
Mein kaise bataon ke kuch dard sehne ke qabil nahi hote
Apni halat ka kuch ehsas nahin hai mujhko,
Maine auron se suna hai ki pareshan hun main.!!
Khatam hoti hui ek sham adhoori thi bahut..
Zindagi se ye mulaqat zaroori thi bahut!!
Kuchh ajab haal hai inn diino tabiyat ka shahab,
Khushi khushi naa lage aur gam bura na lage…
Use bewafa bhi kehna mere liye gunha ki baat hai,
Bewafa to usko kehte hai jo wafa kar ke chor jate hai…
Zindagi ki haqikat se do char ho,
Aksar dil apna hi hum jala lete hai…
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता.
दिल से पूछो तो आज भी तुम मेरे ही हो
ये ओर बात है कि किस्मत दग़ा कर गयी।
कौन कहता है मुसाफिर जख्मी नही होते
रास्ते गवाह हैं कम्बख्त गवाही नही देते।
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो ।
इक रात चाँदनी मिरे बिस्तर पे आई थी
मैं ने तराश कर तिरा चेहरा बना दिया ।
न तो देर है, न अंधेर है .. रे मानव!
तेरे कर्मों का सब फेर है .. शुभ रात्रि।
सुख भोर के टिमटिमाते हुए तारे की तरह है
देखते ही देखते ये ख़त्म हो जाता है …!
जब भी अंधेरा गहराता है…
उजाला उसका समाधान बनकर आ जाता है…!
एक ही समानता है…पतंग औऱ जिन्दगी में
ऊँचाई में हो तब तक ही ‘वाह – वाह’ होती है ।
Kuch door tak to jaise koi mere sath tha
Phir… apne sath aap hi chalna paDa mujhe!
Khwab ko khwab rehne do,
Isi bahane hum muskura lete hai…
Kitna bebas hain insaan kismat ke aage,
Har sapna tut jata hain hakikat ke aage…
मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर..
मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुम्हें याद करते करते..!!
सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था,
वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे।
शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में,
जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।
अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी..
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है!!
होता अगर मुमकिन, तुझे साँस बना कर रखते सीने में,
तू रुक जाये तो मैं नही, मैं मर जाऊँ तो तू नही.
आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें,
सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है!
आज भी प्यारी है मुझे तेरी हर निशानी ..
फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखो का पानी।
उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है,
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा।
मुश्किल नहीं है कुछ दुनिया में, तू जरा हिम्मत तो कर…
खवाब बदलेगें हकीकत में.. तू ज़रा कोशिश तो कर।
वफ़ा के वादे वो सारे भुला गयी चुप चाप,
वो मेरे दिल की दीवारें हिला गयी चुप चाप।
वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे।
शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में,
जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।
अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी..
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है!!
होता अगर मुमकिन, तुझे साँस बना कर रखते सीने में,
तू रुक जाये तो मैं नही, मैं मर जाऊँ तो तू नही.
आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें,
सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है!
आज भी प्यारी है मुझे तेरी हर निशानी ..
फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखो का पानी।
उम्र छोटी है तो क्या, ज़िंदगी का हरेक मंज़र देखा है,
फरेबी मुस्कुराहटें देखी हैं, बगल में खंजर देखा।
मुश्किल नहीं है कुछ दुनिया में, तू जरा हिम्मत तो कर…
खवाब बदलेगें हकीकत में.. तू ज़रा कोशिश तो कर।
वफ़ा के वादे वो सारे भुला गयी चुप चाप,
वो मेरे दिल की दीवारें हिला गयी चुप चाप।